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Writer's pictureDharmraj

कभी मिलने आना मुझसे

कभी मिलने आना मुझसे

तो जरा होशियार रहना

आदमी हूँ

बड़े चेहरों के पार रहता हूँ

 

मुझे देखना तो

मेरी देखती आँखों को भी

देख लेना

बुझी आँखों से भी मैं

धोखा देता हूँ

देखता सा दिखता हूँ

 

मुझे सुनना तो

मेरी जीभ झाँक लेना

किसी और की जीभ से भी

मैं बखूबी बोल लेता हूँ

 

कुछ कहना तो ख्याल रखना

कान बन्द होने पर भी

सिर हिलाता हूँ

सुनता सा लगता हूँ

 

गले लगना तो हाथ

रीढ़ पर फिरा लेना

जो होती ही नहीं फिर भी

अकड़ हजार रखता हूँ

 

और तो और जरा

नब्ज भी टटोल लेना मेरी

मरने के बाद भी कभी कभी

अपनी जिन्दा लाश रखता हूँ

________

धर्म

26/07/2016

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