ज़िंदगी एक पन्ने की किताब है
पहले पृष्ठ पर लिखा है
विश्लेषण
अवलोकन
आख़िरी पर लिखा है
पहले शब्द से पढ़ना शुरू हुआ
तो किताब अंतहीन है
जितना पढ़ो अध्याय जुड़ते जाते हैं
आख़िरी से शुरू किया
तो किताब कोरी है
जितना पढ़ो कोरापन खिलता जाता है
हाँ कोरापन भी खिलता है
धर्मराज
25 February 2023
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